जापान में चावल की भारी किल्लत दाम आसमान पर हैं जापानी कृषि मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं।
जापानियों को बिना चावल खाए नींद नही आती है.
500 BC में कोरियाई पेनिनसुला से चावल की खेती का आगमन जापान में हुआ. ययोई समुदाय ने जापान की धरती का सीना चीरकर चावल उगाना शुरू किया.
चावल कभी जापानियों का मुख्य भोजन नही था. सफेद चावल हमेशा शाही परिवार, कुलीन और जमींदारों का भोजन था.
आप कह सकते हैं प्राचीन जापान में सफेद चावल लक्ज़री भोजन था. उसी तरह जैसे भारत में गेहूं की रोटी अमीरों की, और जौ की रोटी गरीबों की थी.
सफेद चावल की अत्यधिक खेती ने चावल को जापान के हर घर घर में पहुंचा दिया. जापानी शराब शाके चावल से बनाई जाती है. चावल से साबुन और शैम्पू भी बनाते हैं.
जापान में चावल का धार्मिक महत्व है, चावल को पवित्र माना जाता है. धार्मिक अनुष्ठान में चावल का इस्तेमाल किया जाता है.
जापानियों को चावल का नशा है. वो चावल के बिना भोजन की कल्पना नही कर सकते हैं. सरकार सप्लाई बढ़ाने और दाम कम करने पर काम कर रही है।
रिपोर्ट Madanesh chauhan













